वैज्ञानिक और प्रभावी - फिर भी उपेक्षित कैंसर चिकित्सा
यह कारगर और मृदुल वैज्ञानिक कैंसर उपचार 28 वर्षों से जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है, केवल इसलिए कि यह अत्यन्त सस्ता है और पेटेंट योग्य नहीं है। दुखद सच्चाई यह है कि कैंसर संस्थानों और अस्पतालों के लिए कैंसर रोगियों को आरोग्य करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि लाभ कमाना या जीविकोपार्जन करना है।
यह कैंसर चिकित्सा Ribonucleotide Reductase (RnR) नाम के एक अत्यन्त महत्वपूर्ण enzyme (किण्वक) को अवरुद्ध करने पर आधारित है, जिसकी कोशिकाओं की वृद्धि में प्रमुख भूमिका होती है. इस enzyme (किण्वक) की सक्रियता कैंसर के विकास के साथ सबसे निकट से जुड़ी हुई है, जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दिखाया गया है:
RnR enzyme के सक्रिय-स्थल पर स्थित मुक्त-मूलक या free-radical -- जो एकाकी विद्युकण या unpaired electron होता है -- को हल्की विद्युत धारा के electrons द्वारा जोड़ीदार बनाकर नष्ट किया जा सकता है। इस प्रकार मृदुल इलेक्ट्रोथेरेपी RnR enzyme को निष्क्रिय कर कैंसर के विकास को रोक सकती है। पर यह चिकित्सा कैंसर संस्थानों की कमाई को बहुत कम कर देगी, इसलिए वे इस बारे में कुछ सुनना नहीं चाहते!
सन् 1997 और 2014 में छपे दो वैज्ञानिक प्रकाशन, इस (GEIPE) कैंसर उपचार के सैद्धांतिक आधार के साथ-साथ पशुओं और मनुष्यों पर किए गए सफल प्रयोगों द्वारा यथेष्ट साक्ष्य का वर्णन करते हैं:
शीर्ष कैंसर संस्थानों द्वारा मान्यता
अमेरिका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute) और MD Anderson Cancer Center, Houston जैसे चोटी के शोध संस्थानों ने कैंसर के इलाज के लिए इस विधि की वैधता को स्वीकार किया है। जून 1994 का यह पत्र देखें:
Response from MD Anderson Cancer Center, Houston
इसमें लिखा था "...अत्यन्त रोचक... [विद्युचिकित्सा] जानकारी रोचक है तथा अधिक जाँच-पड़ताल योग्य है... हम इस सामग्री को संचित रखेंगे उस अवसर के लिए जब ट्यूमर के विघटन पर विद्युत धाराओं के प्रभावों का अध्ययन हो."
वह "अवसर" 25 से अधिक वर्षों में नहीं आया है, हालांकि विद्युचिकित्सा का अध्ययन के लिए आवश्यक धन न्यूनतम होगा. (हमने विश्व के सैकड़ों कैंसर संस्थानों को बार-बार लिखा है जिनमें Memorial Sloan Kettering Cancer, NY, Mayo Cancer Center, MN और Dana-Farber Cancer Institute, Boston सम्मिलित हैं; MD Anderson Cancer Center उन विरले संस्थानों में था जिन्होंने कोई उत्तर दिया -- पर मात्र एक बार।)
यथास्थिति बहुतों के लिए आकर्षक है; कीमोथेरेपी या विकिरण उपचार देने वाले कैंसर-विशेषज्ञ अपनी नौकरी नहीं खोना चाहते।.
इस उपचार की प्रभावशीलता के वैज्ञानिक प्रमाण
पहले कैंसर इलेक्ट्रोथेरेपी अध्ययन के परिणाम 1959 में Science पत्रिका में प्रकाशित हुए थे। इसमें Johns Hopkins विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिकों ने पाया था कि 60% चूहों के ट्यूमर पूरी तरह चले गए थे, जो कि एक आरम्भिक अध्ययन के लिए बहुत उल्लेखनीय था।
Article in 'Science' about effectiveness of Electrotherapy (1959)
यह रहस्यमय है कि कोई अनुवर्ती (follow-up) अध्ययन नहीं किया गया।
1985 में, शोध पत्रिका Cancer Research में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 1 घंटे प्रतिदिन, 5 दिन तक, नम्र इलेक्ट्रोथेरेपी द्वारा 98% तक ट्यूमर मिट गया था, यथा लगभग पूरे कैंसर का खात्मा।
Article in 'Cancer Research' - high effectiveness of Electrotherapy (1985)
इस तरह के सकारात्मक परिणामों के बावजूद, आगे शोध के लिए उन्हें अनुदान या निधीकरण न मिल सका था। कृपया उस अध्ययन के प्रमुख लेखक का मुझे लिखा 1995 का पत्र देखें:
Letter to me of lead scientist of the 1985 study
हमने मिलकर CapCure से अनुदान के लिए आवेदन किया लेकिन वह अस्वीकार कर दिया गया।
U.S. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की सहायता; City of Hope Med Ctr द्वारा उपेक्षा
1994 में अमेरिका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute) ने मेरे विचारों को "बहुत रोचक" पाया और मुझे City of Hope Medical Center (लॉस एंजिलिस के पास) के डॉ. चाउ से सम्पर्क करने को कहा, जो विद्युत धाराओं के साथ काम कर रहे थे।
Letter of Response from National Cancer Institute
डॉ. चाउ के सहयोगी डॉ. युन येन -- MD और PhD, जो अभी-अभी Yale University से आए थे -- enzyme RnR के साथ काम कर रहे थे। वह मेरे कैंसर उत्पत्ति और उपचार सम्बन्धी विचारों से पूरी तरह सहमत थे। लेकिन संस्था के प्रबंधकों ने हमारे सहयोग को निषेध कर दिया, क्योंकि यह थेरेपी [पैसे वाले] रोगियों को नहीं लाएगी।
Outcome of meeting at City of Hope
डॉ. युन येन ने enzyme RnR पर काम करना जारी रखा, दर्जनों शोध पत्र प्रकाशित किए -- और इसकी गतिविधि पर रोक लगाना कैंसर विरोधी कीमोथेरेपी दवाओं का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बताया।
Ribonucleotide reductase inhibitors and future drug design
ऐसी कीमो दवाओं में सीमित प्रभावशीलता और भारी विषाक्तता होती है। डॉ. येन ने इस बात का उल्लेख नहीं करते कि हल्के विद्युत प्रवाह द्वारा enzyme RnR को आसानी से नष्ट किया जा सकता है - गैर विषैले तरीके से।
वह बाद में ताइपे मेडिकल यूनिवर्सिटी, ताइवान के प्रमुख बने। मई 2016 में मैंने उन्हें अपने दो प्रकाशन भेजे, और उनसे इस चिकित्सा पर शोध करके इसके मानकीकरण करने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा "आपकी अच्छी प्रगति जानकर प्रसन्न हूँ ..." और कहा "मैं ताइवान चला गया और अब इस विषय पर काम नहीं करता।"
पर कैसे? 2016 में उन्होंने एंजाइम RnR पर कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित किए। ताइपे मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉ. युन येन 25+ वैज्ञानिकों के साथ एक "कैंसर अनुसंधान केंद्र" में काम करते हैं। क्या कैंसर शोधकर्ता बेहतर उपचार खोजने पर काम नहीं करते हैं? अन्यथा वे करते क्या हैं?
मुम्बई का टाटा मेमोरियल अस्पताल रुचि दिखाकर ठिठका -- दो बार
जब इस नूतन कैंसर चिकित्सा के बारे में 1997 का वैज्ञानिक प्रकाशन विश्व के 300 से अधिक कैंसर संस्थानों को भेजा गया, तो केवल टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई ने इस उपचार पर और शोध करने में रुचि दिखाई। उनका पत्र देखें:
1998 Letter of Cooperation of Tata Memorial Hospital, Mumbai, India
पर एक वर्ष के भीतर, उपयुक्त उपकरण बनाने के दौरान, अस्पताल की रुचि जाती रही।
2010 में, जब इस उपचार द्वारा दो मानव कैंसर रोगियों को सफलतापूर्वक आरोग्य किया जा सका, टाटा मेमोरियल अस्पताल से दूसरी बार संपर्क किया गया। उन्होंने फिर उत्तर दिया। (इसके लिए उनकी बहुत प्रशंसा की जानी चाहिए क्योंकि विश्व के अन्य कैंसर संस्थानों ने कभी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।) अस्पताल के निदेशक डॉ. अनिल के. डी'क्रूज़ ने मेरे साथ ईमेल का आदान-प्रदान प्रारम्भ किया। मैंने उनके विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए। फिर अचानक उन्होंने संचार बंद कर दिया। मैंने 9 ईमेल भेजे, उन्होंने 7। ये ईमेल नीचे दिए गए लिंक पर देखे जा सकते हैं:
Emails exchanged in 2010 with director of Tata Memorial Hospital, Mumbai
स्पष्टतः अस्पताल इस कैंसर थेरेपी में बेहतर उपचार की संभावनाएं देखता है, लेकिन वह ऐसा बड़ा कदम उठाने से हिचकिचाता है जो सबसे महंगे इलाज को सबसे सस्ता बना दे। कोई अस्पताल नहीं चाहता कि उसकी आमदनी में अचानक भारी गिरावट आए...
Universality of GEIPE Cancer Treatment
This cancer therapy should be applicable to all cancers since malignant cells in any tissue need to synthesize their DNA to grow. At molecular level, cancer is a single disease!
We offer our GEIPE device for only visible/palpable cancers, simply because they can be treated as a home-remedy, without any assistance from a medical professional. Otherwise, the principle of GEIPE treatment (use of gentle electricity) is universally applicable, as shown by the following 2 examples.
●► Already in use to treat brain and spinal cord tumors:
See this link in Nature journal:
FDA Approves New Electrical Fields Device for Brain Tumor Treatment
And, this link at cancer.org
Alternating Electric Field Therapy for Adult Brain & Spinal Cord Tumors
●► Proven effective for leukemia using The Kanzius Machine:
The esteemed newsmagazine "60 Minutes" of CBS has broadcast two episodes on The Kanzius Machine for treating cancer.
Apr. 2008 - 1st "60 Minutes" Episode on Kanzius Machine
Oct. 2009 - 2nd "60 Minutes" Episode on Kanzius Machine
A radio engineer John Kanzius, suffering from leukemia,
built a machine that uses radio waves to produce a stream
of electrons (RF current) as indicated by lighting-up of a
florescent tube put in the path. Both he and Dr. S. Curley
of MD Anderson Cancer Center initially thought that RF
current/energy of the machine would heat metal
nanoparticle embedded in cancer, and thus cook/destroy
tumor.
However, in desperation, Mr. Kanzius started treating
himself with just RF current, without any metal; lo and
behold, his leukemia started receding. (Unbeknownst to
him, most likely he was blocking the enzyme RnR thereby
destroying cancer.) Mr. Kanzius was almost completely
healed but unfortunately, he was made to go thru an
intense chemo regime. The toxicity of the drug, according
to Dr. Curley, killed him.
Dr. S. Curley kept doing studies with Kanzius machine, and
after a few years, concluded that it does heal without any
extra agent like metal nanoparticle. But that machine is
NOT available to any cancer patient! A private company now
owns it and has taken it off the market, for reasons you
can guess.
Luckily, RF currents can be produced at multiple radio
frequencies, including in CB radio range. Thus cancer
patients can benefit from this protocol of GEIPE therapy
once parameters are standardized.
Why this may be the most scientific cancer treatment
On May 12, 2016 in New York Times, one of the fathers of molecular biology, Dr. James Watson (of Watson-Crick DNA double helix fame) who spent 3 decades exploring genetic aspects of cancer, stated:
Locating the genes that cause cancer has been "remarkably unhelpful" - the belief that sequencing your DNA is going to extend your life is "a cruel illusion". If he were going into cancer research today, he would study biochemistry rather than molecular biology.
And according to biochemistry,- All transformations in a biological cell are mediated by one or more enzymes.
- For cell growth, the most critical enzyme is Ribonucleotide Reductase, RnR, since it controls the rate-limiting step in DNA synthesis. (Various cancer chemo drugs aim to block this enzyme, but with only partial success and much attendant toxicity.)
- This GEIPE therapy disables RnR by biophysical means. It is a non-toxic treatment with high degree of efficacy in both animals and humans.
-
There is considerable evidence that cancer is initiated
at the active-site of the enzyme RnR. (Dr. Y Yen certainly
thinks so.) Thus by targeting this enzyme, we may be
nipping cancer in the bud.
Please see latest article on this subject, posted on preprints.org:
"Biochemistry -- Not Oncogenes -- May Demystify and Defeat Cancer" (2021)
The Best Treatment for Skin and Near-skin Cancers
We offer our device for cancers which are at or near the skin surface, in other words visible/palpable cancers -- and also include prostate cancer since it is palpable from urologist’s way of probing. All these can be treated as home-remedy, though some initial supervision – provided over the Internet – is required.
All skin cancer types – be they basal cell, squamous cell, Merkle cell, melanoma or Kaposi sarcoma – are treatable using the device. This scientific treatment is:
- Effective
- Non-toxic
- Non-invasive (using surface electrodes)
- Very Affordable; in fact, too low-cost to be offered by oncologists
It is not an exaggeration to say that it is the best skin cancer treatment available. As an exception, here too good is true! Please reach us from contact us page.